Safed daag ke gharelu upachar
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सफेद दाग
रोग क्यों :
आयुर्वेद के अनुसार यह रोग उन लोगों को अधिक होता है, जो परस्पर विरुद्ध वाले भोजन करते हैं, जैसे दूध और मछली खाना। इसके अलावा डकार, छींक, उलटी, शौच, मूत्र आदि वेगों को रोकने, धूप में अधिक समय तक काम करने, भोजन के बाद व्यायाम करने, खट्टे तथा गर्म चीजों को अधिक खाने आदि की वजह से भी सफेद कुष्ठ हो जाता है। इसमें वायु, पित्त तथा कफ़ खराब होकर खून, चर्बी तथा मांस का रूप बिगाड़ देते हैं। यह रोग वंशानुगत भी पाया जाता है। शरीर में उपदंश, नाड़ी संबंधी खराबी के कारण भी शरीर पर सफेद दाग हो जाते हैं।
रोग की पहचान :
सबसे पहले शरीर पर काले धब्बे (चकत्ते) से बनते हैं। त्वचा में जलन तथा खुजली मचती है एवं त्वचा सुन्न-सी होने लगती है। फिर जगह-जगह पर सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। त्वचा (चमड़ी) की चेतना कम हो जाती है। धीरे-धीरे यह रोग बढ़कर और शरीर में फैल जाता है। वैसे यह छूत का रोग नहीं है, लेकिन समाज में सफेद दाग वाले व्यक्ति को लोग भली नजरों से नहीं देखते हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं, किन्तु यह जल्दी ठीक नहीं होता है।
घरेलू उपचार :
•काले उड़द पीसकर सफेद दागों पर दिन में तीन-चार बार लगाने से दागों में त्वचा का मूल रंग आने लगता है।
• तुलसी के पौधे की जड़ तथा तने को साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। फिर इसे आधा किलो शुद्ध तिल के तेल में डालकर आंच पर अच्छी तरह पकाएं। इसे छानकर शीशी में भर लें। यह तेल दिन में तीन-चार बार रुई की फुरेरी से सफेद दागों पर लगाएं।
• थोड़ी-सी पिसी हुई काली मिर्च सिरके में घोट लें। फिर दागों पर लगाएं। रेक्टीफाइड स्प्रिट सफेद दागों पर तीन-चार माह तक लगाने से दागों का रंग बदलने लगता है।
• एक चुटकी सेंधा नमक और 6 ग्राम बावची, दोनों को मिलाकर पानी से खाएं। अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद कुष्ठ पर लगाएं। चार माह तक यह क्रिया करने से दाग मिटने लगते हैं।
• नीम की पत्तियों तथा फूलों को पानी के साथ पीसकर सफेद दागों पर लगाएं।
• लहसुन का रस दागों पर लगाने से काफी लाभ होता है।
•नीम के तेल में चाल मोगरे का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। दोनों की मात्रा बराबर रखें। इस तेल को सफेद दागों पर लगाएं तथा 5-6 बूंदें बताशे में डालकर सेवन करें।
• केले के पत्ते को जलाकर राख कर लें। इसमें थोड़ा-सा मुर्दा शंख पीसकर मिलाएं। दोनों को तिल्ली के तेल में मिलाकर दागों पर लगाएं।
• एक चम्मच चूना और 5 ग्राम हरताल। दोनों को एक साथ पीसकर नीबू के रस में मिलाकर लगभग 2 माह तक सफेद दागों पर लगाएं।
• चित्रक तथा सफेद धुंघची 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर पीस लें। फिर उसे सफेद दागों पर दिन में तीन बार लगाएं। आयुर्वेदिक चिकित्सा।
भोजन तथा परहेज :
खट्टे पदार्थ, तेल, लाल मिर्च, गर्म मसाले आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए। नमक भी कम खाना चाहिए।
• भोजन सात्विक तथा निरामिष (शाकाहारी) लें।
•मीठी चीजों का सेवन कम करें।
•ठंडी तासीर की चीजें खाएं।
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