Description
डाबर वृहत् वंगेश्वर रस
(स्वर्ण और मोती युक्त)
आयुर्वेदीय औषधि
भैषज्य रत्नावली/प्रमेह चिकित्सा प्रकरण
प्रयोगः मधूमेह, बहमूत्र, मूत्रकृछ, मूत्रघात एवं मूत्रातिसार में उपयोग है।
मात्राः 1 से 2 टिकियाँ (125 से 250 मि. ग्रा.) सुबह और शाम, पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार।
सावधानः चिकित्सक की देख-रेख में सेवन करें।
पथ्यः ब्रेड, जौ, चना, गेहूँ की रोटी, उदुम्बर फल, जामुन, सहिजन, केला, करेला, पपीता, परवल, मूंग, मसूर, अरहर की दाल, दूध, घी, मक्खन, मलाई, संतरा, मुनक्का, सेब ।
निषेधः तैल, लालमिर्च, मसालेदार व खट्टे पदार्थ।
सावधानी : वैधकीय निरीक्षण के अंतर्गत लिया जाय।
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