Description
बैधनाथ शोथारि मण्डूर
आयुर्वेदिक औषधि (भैष्ज्य रत्नावली)
प्रत्येक टेबलेट (250 मि.ग्रा.) में निम्न घटक द्रव्य है।
मण्डूर भस्म, निर्गण्डी के पत्तों का स्वरस, मानकंद का स्वरस, अदरक स्वरस एवं जिमीकंद स्वरस प्रत्येक 150.00 मि.ग्रा., त्रिफला क्वाथ, चव्य क्वाथ, हर्रे, बहेड़ा, आंवला, सोंठ, मरिच, पीपल तथा चव्य प्रत्येक 10.7 मि.ग्रा.,शेष सहायक एवं भावना द्रव्य हैं।
गुण धर्म : शरीर के किसी भाग में किसी भी कारण से शोथ क्यों न हो, सभी शोथ आराम होते हैं। शोथ के अलावा इससे यकृत – प्लीहा की खराबी तथा पाण्डु रोग आदि दूर होते हैं।
मात्रा और अनुमान : 1 से 2 टेबलेट सुबह- शाम गोमूत्र या पुनर्नवा या क्वाथ के साथ दें।
पथ्य : पुराने चावल, जौ, कुल्थी, मूँग, सहिजन फली, करेला, परवल, मूली, पुनर्नवा आदि। मुत्रल पदार्थ, दूध,मट्टा, गोमूत्र का सेवन विशोष लाभकारी होता है। स्वेदन, विरेचन, प्रलेप आदी आवश्यकतानुसार करना चाहिए। पीने के लिए दशमूल अर्क देना विशेष गुणदायक है।
परहेज : नमक, नया अन्न, गुड़ एवं उड़द आदि पिट्ठी की बनी वस्तुएँ, तेल, मास, दही, खट्टे एवं दाह करने वाले प्रदार्थ दिन में सोना, क्रोध, मेंथुन तथा मल – मूत्र के वेग को रोकना, मिट्टी खाना आदि वर्जित है।
सावधानी : वैधकीय निरीक्षण के अंतर्गत लिया जाय।
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