Description
वसंत कुसुमाकर रस (स्वर्ण और मोती युक्त)
आयुर्वेदीय औषधि
योग रत्नाकर/ प्रमेह चिकित्सा
उपयोग: शरीरिक व मानसिक कमजोरी में लाभदायक एंव मधुमेह व मधुमेह संबधित उपद्रव जैसे-प्रमेह पिडिका, नाड़ी, दौर्बल्य, दिष्टि विकार में भी उपयोगी, क्षय रोग, कास रोग, श्वास रोग, नपुंसकता आदि विकारों मे गुगकारी रसायन एंव वाजीकरण कल्प औषधि है।
मात्रा एंव अनुपान: 1 से 2 टिकियाँ दिन मे दो बार उचित अनुपान जैसे गोदुग्ध, मधु या गुनगुने जल के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार।
सावधान: उपरोक्त विवरण औषधि की सर्वसाधारण उपयोगिता है। चिकित्सक की देख -रेख में सेवन करें।
पथ्य (योग्य) आहार: पुराने चावल, दाल जौ, करेला, पपीता, परवल, कुलथी, सैन्धव लवण ।
अपथ्य (अयोग्य) आहार: तेल में भूने पदार्थ, दही, गुड, ईख का रस एंव मसालेदार खाना।
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