Description
HELPFUL IN EARLY EJACULATION, TIREDNESS, WEAKNESS,
LOSS OF LIBIDO, LACK OF SPERM COUNT, NIGHTFALL, LOSS
OF LIBIDO, LACK OF SPERM COUNT, NIGHTFALL, FRIGIDITY,
NATURAL HEATS TO WORDS SEX
- सास्त्रों में वर्णित मसली के अमूल्य उपयोग – शीघ्र पतन (रुकावट की कमी), स्वपन दोष
• वीर्य का पतलापन एवं वीर्य दोष, धात जाना • सुस्ती, वीर्य की गुण व मात्रा में कमी, प्रमेह।
• नई या पुरानी सभी प्रकार की शुगर (डायबिटीज) • शुगर के कारण आयी मर्दाना कमजोरी, चिन्ता।
- कमजोरी, थकान, शरीर में गिरावट, वीर्य की गर्मी • हाथ-पैर, कमर व मांस पेशियों की कमजोरी
सम्भोग की इच्छा न करना, मानसिक तनाव • वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, पातु रोग, उग्रता।
वीर्यवाहिनी नालियों की कमजोरी, गर्मी, जलन – खुन की कमी, नींद कम आना, शुकदोष
• बढ़ती उम्र की कमजोरी, भूख कम लगना • ज्यादा सम्भोग के कारण शरीर में आयी कमजोरी
विलासी पुरूषों द्वारा स्तम्भक (कावट) के लिए मादकदव्यो, हानिकारक उत्तेजको के।
प्रयोग के कारण शरीर में आयी कमजोरी व दुष्प्रभाव प्रत्येक मौसम में सेवनीया
आयुर्वेदिक हानिरहित औषधि
शरीर की सातों धातुओं का पोषण कर शरीर को बलवान निरोगी, स्वस्थ्य बनाने में
सहायक। इसके 30 दिनों तक नियमित प्रयोग से लाभ होता है।
Dosage: 10-20 ml with 1-2 cup of water twice in a day or as directed by the physician.
खुराक: 10-20 ML 1-2 कप पानी के साथ दिन में दो बार या चिकित्सक के निर्देशानुसार।
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