Description
बैधनाथ शंख वटी
आयुर्वेदिक औषधि ( भै० र० – अग्नि मान मताधिकार)
प्रत्येक टेबलेट ( 250 मि० ग्रा० ) मैं निम्न घटक द्रव्य है :
इमली क्षार एवं शंख भस्म 51.28 मि०ग्रा०, सैन्धव लवण, सोंचल लवण, खनिज लवण एंव समुद्र लवण प्रत्येक 10.26 मि.ग्रा, सोंठ, मरिच, पीपल एंव घृतअर्जित हींग प्रत्येक 12.82 मि.ग्रा.,शुध्द पारद, शुध्द गंधक तथा शुध्द वत्सनाथ विष प्रत्येक 4.27 मि.ग्रा., शेष-सहायक एवं भावना द्रव्य है।
गुण धर्म : यह जठराग्नि को प्रदीप्त कर अजीर्ण मन्दाग्नि शूल आदि को नष्ट करती है। यह भोजन को पचाकर भूख बढ़ाती है। सब प्रकार के गुल्म, परिणामशूल, संग्रहणी एवं उदर-वायु विकार में यह अच्छा लाभ करती है। पेट-दर्द में विशेष गुणकारी है।
उपयोग विधि : पूरी उम्रवालों को 1 से 2 टेबलेट तक भोजन के बाद या यथावश्यक पानी के साथ खानी चाहिए। दिन भर में 8 से 10 टेबलेट से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। पेट फूलने एवं दर्द होने पर अजवायन अर्क के साथ लेने से शीघ्र लाभ होता है। बालकों को 30 मि.ग्रा. से 60 मि.ग्रा. तक की मात्रा में देना चाहिए।
पथ्य : पुराने चावल, गेहूं की रोटी एंव दलिया, मूँग की दाल, परवल, करेला, बैंगन, बथुआ, मेथी, लहसुन, मूली, केले की तरकारी, घी, मक्खन, मट्ठा, गरम जल, सेंधा नमक, अजवायन, जीरा, धनियां, सन्तरा, बिदाना, जम्बीरी नींबू, कागजी एवं बिजोरा नींबू आदि देना उत्तम है।
अपथ्य : उड़द की पीठी के बने पदार्थ, सभी गरिष्ठ भोजन, सब तरह के कन्द की तरकारी, पोई का साग एवं वायुकारक वस्तुएँ हानिकीरक है।
नोट : इसमें उग्रवीर्य वत्सनाथ का मिश्रण है, अत: बालकों एवं सुकुमार प्रकृतिवालों को स्वल्प मात्रा में देना चाहिए।
सावधानी : बैधकीय निरीक्षण के अंतर्गत लिया जाय।
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