Correct information of coronavirus along with knowledge of Ayurvedic and homeopathic medicine
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कोरोना वायरस कहा से आया है :
कोरोना वायरस एक जूनोटिक ( Zoonotic virus) वायरस है जिसका अर्थ है जानवरों से इंसानो में आने वाला वायरस, जो जानवर में पाये जाते है और जानवरों से इंसानो में आ जाते है।
कोरोना वायरस कोनसे जानवरो से आया है :
अभी तक सही से स्पष्ट नहीं हो सका लेकिन कुछ वैज्ञानिको का मानना है कोरोना वायरस शाप,चमगादड़, सुअर जैसे जानवरों में से इंसानो में आया होगा।
कोरोना वायरस किस तरह का बुखार है : कोरोना वायरस इनफ्लुएंजा ( Influenza ) फैमिली का ही नया वायरस है।
इनफ्लुएंजा ( Influenza ) का अर्थ: एक तरह का बुखार जो छुआछूत की तरह फैलता है, जैसे की खांसने से, छींकने से, हाथ मिलाने से फैल जाता है।
कोरोना वायरस के लक्षण : कोरोना वायरस सामान्य फ्लू वह निमोनिया जैसे लक्षणो को दर्शाता है, जैसे की खांसी का होना, जुखाम – फीवर का होना, ठंड लगना, गले में दर्द होना, मांसपेशियों में खिंचाव होना, सर दर्द, गले में दर्द जैसे लक्षणो को दर्शाता है
कोरोना वायरस महामारी(pandemic) है:
जो वायरस जादातर देशों में फैलजाते है उन्हें महामारी (pandemic) कहा जाता है। और कोरोना वायरस आज महामारी (pandemic) का रूप ले चूका है। कोरोना वायरस जादातर देशों में फेल चूका है।
कोरोना वायरस कितना खतरनाक है:
कोरोना वायरस की मृत्यु दर (death rate) 3%-5% है। कोरोना से पहले इबोला वायरस (ebola virus) आया था उसकी मृत्यु दर (death rate) 25% से 90% के आस पास थी। सार्स (sars) से मृत्यु दर (death rate) 36% आस पास थी। कहने का अर्थ है अगर 100 व्यक्तियों में कोरोना वायरस आजाये तो 3 से 5 लोगों की मृत्यु हो जायेगी जबकी इबोला इबोला (ebola virus) और सार्स (sars virus) वायरस 100 लोगों में आ जाये तो सार्स से (36%) और इबोला से (70%) लोगों तक की मृत्यु हो जायेगी इस से ये अनुमान लगाया जा सकता है कोरोना वायरस को जितना खतरनाक बताकर लोगों में भय का माहौल बनाया जा रहा है उतना खतरनाक कोरोना वायरस है नहीं, कोरोना वायरस से जिन मरीजो की मृत्यु हुई है उन्हे या तो पहले से कोई गम्भीर रोग की समस्या थी जैसे शुगर की समस्या,हार्ट की समस्या,अस्थमा की समस्या थी उनकी उम्र जादा थी, उनकी रोग प्रतिरोधक (Immunity power) क्षमता कम थी। इसी बजे से कोरोना वायरस से उन मरीजो की मृत्यु हुई थी। जिन मरीजो की रोग प्रतिरोधक (Immunity power) क्षमता अधिक वह कोरोना वायरस से ठिक भी हुये है या उनमें सुधार देखने को मिल रहा है।
कोरोना वायरस के लक्षण कितने दिनों में दिखाई देते हैं :
कोरोना वायरस के लक्षण 2 दिन से 2 हफ्ते में दिखना शुरू हो जाते हैं, सामान्य बुखार और कोराना वायरस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं जब किसी पेशेंट में इस तरह के लक्षण दिखें तो 99% सामान्य बुखार ही होगा 1% चांस होगा कि वह कोराना हो सकता है इसलिए इस तरह के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं।
कोरोना वायरस की मेडिसन :
अभी तक कोरोना वायरस की मेडिसन नहीं बनी है।
कोरोना वायरस का उपचार कैसे किया जा रहा है :
चिकित्सक कोरोना वायरस के मरीज को रोग के लक्षणों के आधार पर सामान्य फ्लू की दवाएं दे रहे है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानियां :
खांसते – छींकते समय रुमाल को मुंह पर रखें, हाथों को बार-बार साबून से धोये या अल्कोहल से बनी चीजो से हाथ धोये, यात्रा कम से कम करें, ज्यादा भीड़ वाले एरिया में मुंह को ढके आंखों पर चश्मा लगाएं,आंखों को हाथो से मसले नहीं, सावधानी ही बचाव है।
कोरोना वायरस के लक्षणो के आधार पर होम्योपैथिक दवाएं :
होम्योपैथिक में कोरोना वायरस की लक्षणो के आधार पर हि नहीं बल्कि इस वायरस की फैमिली को भी ध्यान में रख कर औषधि दि जाती है। कोरोना वायरस इनफ्लुएंजा ( Influenza ) फैमिली का ही नया वायरस है इस तरह के वायरसो के लिये सबसे अच्छी होम्योपैथिक औषधिया है।
1 : Influenzinum 200 CH इन्फ्लुएंजिनम 2 : Camphora Qकैम्फोरा (कपूर) 3 : Azadirachta Indica Q एजाडिरेक्टा इण्डिका (नीम)
होम्योपैथिक औषधिया लेने की विधि : 1 ~ Influenzinum (200 CH) आधा कप पानी में 10 बूंदे मिलाकर ले दिन में 3 बार
2~ Camphora ( Q ) रात को एक बार सोते समय 10 बूंदे आधा कप पानी में मिलाकर ले।
3~ Azadirachta Indica ( Q ) आधा कप पानी में 5 बूंदे मिलाकर ले दिन में तीन बार हाथ धोने के बाद Azadirachta Indica की 4-5 बूंदे हाथ पर डाल कर हाथों पर मसले आधा कप गुनगूने पानी में Azadirachta Indica की 4-5 बंदे मिलाकर गरारे (कुल्लाहा) करें।
नोट : होम्योपैथिक औषधिया खाली पेट ले या फिर खाना खाने के 30-40 मिनट बाद ले होम्योपैथिक औषधि लेने के बाद दुसरी होम्योपैथिक औषधि 5-10 मिनट बाद ले। अगर आप कोई अन्य औषधि भी ले रहे हो तो होम्योपैथिक वह आयुर्वेदिक दवा आधे-एक घंटे बाद लेनी चाहिए।
कोरोना वायरस के लक्षणो के आधार पर आयुर्वेदि औषधिया : 1 : आनन्द भैरव रस 40 टेबलेट 2 : रस माणिक्य 10 ग्राम 3 : हरिताल गोदन्ती भस्म 5 ग्राम 4 : कामदूधा रस 40 टेबलेट 5 : स्वर्णमाक्षिक भस्म 5 ग्राम 6 : गिलोयसत्व 10 ग्राम 7 : सितोपलादि चूर्ण 60 ग्राम 8 : अमृतारिष्ट
औषधि तयार करने की विधि : 1 : आनन्द भैरव रस 40 टेबलेट 2 : रस माणिक्य 10 ग्राम 3 : हरिताल गोदन्ती भस्म 5 ग्राम 4 : कामदूधा रस 40 टेबलेट 5 : स्वर्णमाक्षिक भस्म 5 ग्राम 6 : गिलोयसत्व 10 ग्राम इन 6 दवाओं को पीस कर आपस में मिला ले,उसके बाद सितोपलादि चूर्ण 60 ग्राम ले उसमें ये सभी दवाएं मिलाकर एक नई औषधि तयार कर ले।
औषधि लेने की विधि: आधा चम्मच औषधि को एक कटोरी में डालें फिर औषधि में आधा चम्मच शहद मिलकर अच्छी तरह से शहद और औषधि को मिला ले उसके बाद उस दवा को चाट ले फिर उस करोटी में आधा कप पानी डाले और 4 ढक्कन अमृतारिष्ट के डाले दवा और पानी को अच्छी तरह से मिलाकर पी ले दिन में 2 बार खाना खाने के बाद।
कोरोना वायरस के लक्षणो के आधार पर आयुर्वेदि औषधिया : 1 : आनन्द भैरव रस 40 टेबलेट 2 : रस माणिक्य 10 ग्राम 3 : हरिताल गोदन्ती भस्म 5 ग्राम 4 : कामदूधा रस 40 टेबलेट 5 : स्वर्णमाक्षिक भस्म 5 ग्राम 6 : गिलोयसत्व 10 ग्राम 7 : सितोपलादि चूर्ण 60 ग्राम 8 : अमृतारिष्ट
औषधि तयार करने की विधि : 1 : आनन्द भैरव रस 40 टेबलेट 2 : रस माणिक्य 10 ग्राम 3 : हरिताल गोदन्ती भस्म 5 ग्राम 4 : कामदूधा रस 40 टेबलेट 5 : स्वर्णमाक्षिक भस्म 5 ग्राम 6 : गिलोयसत्व 10 ग्राम इन 6 दवाओं को पीस कर आपस में मिला ले,उसके बाद सितोपलादि चूर्ण 60 ग्राम ले उसमें ये सभी दवाएं मिलाकर एक नई औषधि तयार कर ले।
औषधि लेने की विधि: आधा चम्मच औषधि को एक कटोरी में डालें फिर औषधि में आधा चम्मच शहद मिलकर अच्छी तरह से शहद और औषधि को मिला ले उसके बाद उस दवा को चाट ले फिर उस करोटी में आधा कप पानी डाले और 4 ढक्कन अमृतारिष्ट के डाले दवा और पानी को अच्छी तरह से मिलाकर पी ले दिन में 2 बार खाना खाने के बाद।
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